The Basic Principles Of shiv chalisa in hindi
The Basic Principles Of shiv chalisa in hindi
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हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए।
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
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कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
शिव पूजा में सफेद चंदन, चावल, कलावा, धूप-दीप, पुष्प, फूल माला और शुद्ध मिश्री को प्रसाद के लिए रखें।
. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
ब्रह्म – कुल – वल्लभं, सुलभ मति दुर्लभं, विकट – वेषं, विभुं, वेदपारं ।
मात-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥ लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।